हर युग में हर पीढ़ी ने अपनी भाषा गढ़ी है आज की तेज रफ़्तार वाली जिन्दगी या कहिये डिजिटल जिन्दगी में शब्दों की जगह संकेतो ने ले ली है.जो कंप्यूटर या मोबाइल में अपनी भावनाए व्यक्त कर रही है.इन्हें ही स्माइली कहते है.यानि खुशनुमा चेहरे .इनका सबसे पहले उपयोग अमेरिका के एक प्रोफेसर स्कोट इ फाल्मेन ने १९८२ में किया था .तब मात्र दो स्माइली का उपयोग होता था मजाक के लिए :-) और गंभीर लहजे के लिए :-( लेकिन खुशनुमा चेहरों का चलन १९६२ में ही हो चुका था .लेकिन आज हर एक भावना के लिए हज़ारो स्माइली है.आप मुस्करा रहे है उदास है आँख मार रहे हैं दिल टूट गया है.चिडचिडा रहे है सभी भावनाओं को बस एक स्माइली से व्यक्त कीजिये.आयी देखे कौन कौन से स्माइली आज कल प्रचलन में हैं और उनका क्या मतलब है.
१-:-) खुश
२-:-D बेहद खुश
३ :-( उदास
४-:-C बेहद udaas
5 :-P जीभ चिढाना
६ ;^) बनावटी हंसी
७ I -O जम्हाई
८ :-/ शक्की
९ I :-( नाराज
१० 8 -O स्तब्ध
११ <:-I मूर्ख
१२ %-( हक्का बक्का
इसके आलावा संचार की दुनिया में कब कौन कौन सा स्माइली प्रयोग करने लग जायेगा इसका कुछ पता नहीं है.और तो और गाड़ी चलाते वक्त भी भावनाए व्यक्त करने के लिए L E D emetikoun आ गए है.वो वक्त ज्यादा दूर नहीं जब लोग कविताओ में लेखो में इन स्मिली का उपयोग करने लगेगे.वेसे संचार को बेहतर बनाने वाली कोई चीज खराब नहीं होती आप का क्या विचार है.
१-:-) खुश
२-:-D बेहद खुश
३ :-( उदास
४-:-C बेहद udaas
5 :-P जीभ चिढाना
६ ;^) बनावटी हंसी
७ I -O जम्हाई
८ :-/ शक्की
९ I :-( नाराज
१० 8 -O स्तब्ध
११ <:-I मूर्ख
१२ %-( हक्का बक्का
इसके आलावा संचार की दुनिया में कब कौन कौन सा स्माइली प्रयोग करने लग जायेगा इसका कुछ पता नहीं है.और तो और गाड़ी चलाते वक्त भी भावनाए व्यक्त करने के लिए L E D emetikoun आ गए है.वो वक्त ज्यादा दूर नहीं जब लोग कविताओ में लेखो में इन स्मिली का उपयोग करने लगेगे.वेसे संचार को बेहतर बनाने वाली कोई चीज खराब नहीं होती आप का क्या विचार है.