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Sunday, December 18, 2011

chehra ek bhav anek

हर युग में हर पीढ़ी ने अपनी भाषा गढ़ी है आज की तेज रफ़्तार वाली जिन्दगी या कहिये डिजिटल जिन्दगी में शब्दों की जगह संकेतो ने ले ली है.जो कंप्यूटर या मोबाइल में अपनी भावनाए व्यक्त कर रही है.इन्हें ही स्माइली कहते है.यानि खुशनुमा चेहरे .इनका सबसे पहले उपयोग अमेरिका के एक प्रोफेसर स्कोट इ फाल्मेन ने १९८२ में किया था .तब मात्र  दो स्माइली का उपयोग होता था मजाक के लिए :-) और गंभीर लहजे के लिए :-(  लेकिन खुशनुमा चेहरों का चलन १९६२ में ही हो चुका था .लेकिन आज हर एक भावना के लिए हज़ारो स्माइली है.आप मुस्करा रहे है उदास है आँख मार रहे हैं दिल टूट गया है.चिडचिडा रहे है सभी भावनाओं को बस एक स्माइली से व्यक्त कीजिये.आयी देखे कौन कौन से स्माइली आज कल प्रचलन में हैं और उनका क्या मतलब है.
१-:-) खुश
२-:-D  बेहद खुश
३  :-( उदास
४-:-C  बेहद udaas
5   :-P जीभ  चिढाना
६  ;^) बनावटी हंसी
७  I -O  जम्हाई
८  :-/ शक्की
९  I :-( नाराज
१०  8 -O स्तब्ध
११ <:-I मूर्ख
१२ %-( हक्का बक्का
इसके आलावा संचार की दुनिया में कब कौन कौन सा स्माइली प्रयोग करने लग जायेगा इसका कुछ पता नहीं है.और तो और गाड़ी चलाते वक्त भी भावनाए व्यक्त करने के लिए L E  D emetikoun आ गए है.वो वक्त ज्यादा दूर नहीं जब लोग कविताओ में लेखो में इन स्मिली का उपयोग करने लगेगे.वेसे संचार को बेहतर बनाने वाली कोई चीज खराब नहीं होती आप का क्या विचार है. 

Saturday, November 5, 2011

muskarahat

सब्जी वाला महिला से-बहन जी क्या आप एम् ए पास हो?
महिला (गर्व से)-हाँ पर तुमने केसे जाना?
सब्जी वाला-तभी आप टमाटर के  ऊपर आलू डलवा रही हैं..............



Wednesday, November 2, 2011

gajal

उनको देखा तो पलट आये जमाने कितने
फिर हरे होने लगे जखम पुराने कितने
मशवरा मेरी वसीयत का मुझे देते हैं
हो गए है कितने मेरे मासूम अपने
मेरे बचपन की वो बस्ती भी अजब बस्ती थी
दोस्त बन जाते थे एक पल में बेगाने कितने
कितनी खामोश है अब इन आँखों की गली
इनमे बसते थे कभी ख्वाब सुहाने कितने

Tuesday, November 1, 2011

ek tukda muskan joke: jub mene dor bell bajayi

ek tukda muskan joke: jub mene dor bell bajayi

ek tukda muskan joke: jub mene dor bell bajayi

ek tukda muskan joke: jub mene dor bell bajayi

ek tukda muskan joke: jub mene dor bell bajayi

ek tukda muskan joke: jub mene dor bell bajayi

ek tukda muskan joke: jub mene dor bell bajayi

ek tukda muskan joke: jub mene dor bell bajayi

jub mene dor bell bajayi

मुझे बहुत पीड़ा होती है
जब कोई घरेलू हिंसा की शिकार महिला दिखाई देती है
कितने क़ानून सरकार ने बनाये हैं
और शिकायत मिलने पर क़ानून बड़ी निष्ठां से निभाए हैं
लेकिन इन कानूनों का कोई प्रचार नहीं है
इसलिए बहन घरेलू हिंसा से बची नहीं है
हमने सोचा हम इस बात में लोगो की मदद करेगे
डोर बेल बजा कर लोगो को सचेत करेगे
बस हम पर चढ़ गया इस बात का जूनून
दूसरो की मदद करने में महसूस करने लगे सुकून
एक रात पड़ोस में सिकरवार साहब के यहाँ से चिल्लाने की आवाज आई
हमको लगा जेसे किसी बहन ने गुहार लगाई
जल्दी से दौड़ कर गए और डोर बेल बजाई
अन्दर से किसी महिला की गुर्राने की आवाज आई
हमने कहा दरवाजा खोलो हम दखल देने आये हैं
अपनी पीड़ित,दुखियारी बहन को बचाने आये हैं
अन्दर का नजारा देख हमारे होश उड़े हुए थे
पलंग के नीचे सिकरवार साहब घुसे हुए थे
सिकरवार मैडम के हाथ में किरकेट के स्टंप थे
हम ये सब देख कर दंग थे
सिकरवार मैडम ने साहब से कहा बाहर  निकलो
जो तुम्हे बचाने आये हैं उनसे तो मिल लो
सिकरवार साहब पलंग के नीचे से ही चिल्लाये
अरे आप हमें बचाने क्यों आये
में तो अक्सर ऐसी प्रक्टिस झेलता हूँ
घर का मालिक हूँ जहाँ मर्जी आये वहां रहता हूँ
बस भाइयो ये सुन कर हम अपना सा मुह ले  कर लौट  आये
जेसे लौट के बुद्दू घर को वापस आये


raakhi ki nautanki

भाइयो वैसे तो में एक शर्म सार इंसान हूँ
लेकिन अपने देश और देशवासियो से परेशान हूँ 
यहाँ हर चीज चल जाती है
या यूं कहो चलाई जाती है
आज कल राखी सावंत फिर अपने नए गाने को लेकर ड्रामा कर रही है
अन्ना हजारे या फिर दिग्विजय के पास जाने की दुहाई दे रही हैं
हमारी कालोनी में भी राखी के नए गाने का बड़ा जोर है
विरोध से ज्यादा समर्थन का शोर है
गिने चुने विरोधी पक्ष ने यह फ़रमाया
समाज पर गलत असर पड़ेगा ये समझाया
लेकिन राखी के समर्थक ये सुन कर चोंके 
राखी का पक्ष लेकर भोंके
उनका कहना कुछ इस प्रकार था की
जब अन्ना लोक पाल बिल मांग  सकता है
पप्पू पास हो सकता है
शीला जवान हो सकती है
मुन्नी बदनाम हो सकती है
सानिया पाकिस्तानी से शादी रचा सकती है
सात खून माफ़ हो सकते है
साल में बारह तरीको से प्यार हो सकता है
करेक्टर ढीला हो सकता है 
चोली के पीछे कुछ हो सकता है 
औरत जलेबी बाई हो सकती है
तो फिर राखी सावंत अपना बैंक क्यों नहीं लुटवा सकती 
बस यारो वैसे तो में शर्मसार इन्ससान  हूँ लेकिन पड़ोसिओ से pareshaan

Saturday, October 29, 2011

jub mene gaadi chalani sikhi

में जब भी किसी महिला को गाडी चलते देखती हूँ,तो मन में उसके प्रति प्रशंसा , तरस और जलन तीनो भाव एक साथ आते है.प्रशंसा इसलिए  इसलिए की वाह क्या बढ़िया गाडी चला रही है,तरस इस लिए की है केसे इसने सीखा होगा,और जलन इस लिए क्योकि में गाडी चलाना न  सीख पायी .
                             मेरे पति ने वेगेन -आर खरीदी.कुछ तो चमचमाती कार के रूप ने मुझे लुभाया,कुछ आस पास के लोगो ने मुझे उकसाया .मेने भी गाडी चले का मन बना लिया.
                           पहले दिन गाडी सिखाने वाले ने" इनसे" कहा -अरे सर ये मैडम ध्यान नहीं देती है.ब्रेक की कहो तो एक्सीलेटर दबाती हैं.पति ने हमारा होसला बढाया.कहा कोई बात नहीं अबसे ध्यान रखना.धीरे र्धीरे हम गाडी सरकाना सीख गए .इसी में गर्व महसूस करके अपने आप को परफेक्ट समझने लग  गए.
                          एक बार बच्चो ने कहा मम्मी आईसक्रीम खानी है.पति का मूड नहीं था हमने बच्चो से कहा बेठो गाडी में में खिला कर लाती हूँ.लेकिन थोडा रात में चलेगे.क्योकि तब  रोड खाली मिलेगी 
                         रात साढ़े दस बजे हमने गाडी निकली.और धीरे धीरे चलते हुए आईसक्रीम वाले के ठीक सामने बीच सड़क पर गाडी रोकी.जब तक हमने आईसक्रीम बनवाई तुब तक ट्रको की नो एंट्री खुल चुकी थी.और हमारे पीछे  ट्रको की लाइन लग चुकी थी.होर्न की आवाज सुनी तो लोगो ने कहा गाडी हटा लो.हमने गाडी स्टार्ट की,गाड़ी स्टार्ट हो गयी लेकिन जेसे ही हम उसे आगे बढ़ाने की कोशिश करे गाड़ी बंद हो जाये.हमने फिर कोशिश कीलेकिन नतीजा फिर वही जीरो.ट्रक वाले होर्न बजाये जा रहे थे और हमारे पसीने छूटे जा रहे थे.एक ट्रक वाला उतर कर आया बोला गाडी हटाओ न.हमने कहा चुप...........नहीं हटाती सड़क क्या तेरे  बाप की है.वो गुस्से में वापस चला गया लेकिन शायद गाडी को मुझ पर तरस आ गया .बड़ी मशक्कत के बाद गाड़ी आगे बढ़ी तो हमसे ज्यादा लोगो को ख़ुशी मिली.वे समवेत चिल्लाये चल गयी चल गयी.मानो गोली चल गयी.बड़ी मुश्किल से हम घर वापस आये.पति चिंता से हमारा इन्तजार कर रहे थे देखते ही वो गुर्राए.हमने सारा मामला उन्हें एक सांस में कह सुनाया.बच्चो ने भी हमारे समर्थन में सर हिलाया.पति बोले नयी गाडी में क्या खराबी आ गयी देखते हैं.पति ने चेक किया और कहा क्या तुमने हैण्ड ब्रेक हटाया था.उफ़ ये तो मुझे याद ही नहीं रहा था.पति बोले सारा टायर घिस गया होगा.पति ने हैण्ड ब्रेक हटाया और कहा गाडी अन्दर रखो.हमने गाडी स्टार्ट की बस फिर वही गलती हो गई एक्सीलेटर  जोर से दबा दिया.गाडी मेढक की तरह उछली  और गराज की दीवार से जा टकराई.उसका आगे से हुलिया बिगड़ गया.पति बोले बस अब गाड़ी मत चलाना .  गाडी से ज्यादा मुझे तुम्हारी और  लोगो की चिंता है.बस भाइयो तब  से में गाडी को हाथ नहीं लगाती हूँ.लेकिन किसी महिला को गाडी चलते देख कर बस आह भर कर रह जाती हूँ. 

zeero figure

जब से मेने करीना का जीरो फिगर देखा है वो मेरी रोल मोडल बन गयी है.है कहा वो करीना का परफेक्ट फिगर कहाँ मेरी ये मोटी कमर.चलती  है तो क्या मटकती है.और हम चले  तो देखने वाले तरस खाते है कहते है देखो मोटी केसे लुढ़क रही है बेचारी.
                    हाँ अब मेने सोच लिया है में भी जीरो फिगर बनाओगी.भूखी  रह कर वजन घटाऊगी.मुझ जेसी हर  महिला अगर कम खाने लगेगी तो देश का तो बहुत फायदा होगा-
१-जब  अन्न कम लगेगा तो महगाई कम होने लगेगी
२-दूध घी नहीं खायेगे तो इनकी नदिया फिर से बहने लगेगी
                     मैने सोच लिया है आफ्टर जीरो फिगर नो साड़ी,नो सूट बस ओनली मिनि ,मिनी,एंड जींस . 
अरे देखने लायक बॉडी होगी तो दिखाऊ क्यों नहीं.हो सकता है में दूसरो की रोल मोडल बन जाऊ.मेरी ड्रेस फेशन बन  जाये.और एक फायदा नए लोगो के लिए कितने जॉब और रिसर्च की ब्रांच खुल जाएगी डाईट.प्लास्टिक सर्जरी नेनो जेसी कार की डिजायनिंग .एक नेनो लेलो मेरी जेसी जीरो फिगर वाले दो लोगो को बिठा लो
                   आहा  जीरो फिगर होते ही में  मिस इंडिया में अपना नोमिननेशन  कराऊगी अगर मिस इंडिया बन गयी तो हो सकता है शाहरुख़ मुझे करीना के फिगर के बारे में दो शब्द बोलने को कहे.में ज्यादा नहीं बोलूगी बस कहूगी थोडा मोटी है .............
                  तो बस कल से जीरो फिगर अभियान शुरू.पर आज बस आखिरी बार ६ गोलगप्पे,दो आलू टिक्की,एक मीडियम पिज्जा.एक कारनेटो,एक आमलेट और बस एक गिलास दूध मलाई मार के ............

Wednesday, October 26, 2011

ek tukda muskan joke: mera aashiyaana

ek tukda muskan joke: mera aashiyaana

esa kyo

एसा क्यों की कई बार मन चंचल हो जाता है
कितना भी चाहे यादो से उबार नहीं पता है
एसा क्यों की कोई पास रह कर भी अजनबी और दूर हो कर भी अपना बन जाता है
एसा क्यों साथ र५अह कर अपना दंभ आड़े आता है और दूर रह कर अकेलापन सताता है
एसा क्यों की झूटी बाते सच्ची लगती है और सच्चे मोतिओ में झूट नजर आता है
एसा क्यों की सीरत से ज्यादा सूरत लुभाती है
एसा क्यों की हर दुआ का उत्तर नहीं होता ..........
एसा क्यों की हम चलते जाते है किसी को पाने की चाह में जीवन गुजार देते हैं........

mera aashiyaana

जिंदगियो के बसने के लिए चंद दीवारे ही बहुत होती हैं ............
इन्ही दीवारों के साए  में मुहब्बत अरमानो के संग चैन से सोती है
दिन बसर यहीं होता है, शाम भी ढलती है यहीं
तेरे तस्सवुर की आगोश में मेरे वजूद की शमा जलती है यहीं
कैद हैं इसमें वफ़ा के कई अफ़साने
बिखरे हैं इसकी फिजा में चाहतो के कई नजराने
चार दीवारी न कहो मेरा ख्वाब गाह है ये
यहाँ देखे हैं मेने प्यार के कई हसीं जमाने 

ek tukda muskan joke: hip hip hurre

ek tukda muskan joke: hip hip hurre: अरे ओ किरकेट के कप्तान नासिर भाई आपकी एक बात मेरी समझ में नहीं आई क्या आप गधो को वाकई पहचानते हो या बस यूं ही अनाप शनाप बक जाते हो मुझे तो ल...

hip hip hurre

अरे ओ किरकेट के कप्तान नासिर भाई
आपकी एक बात मेरी समझ में नहीं आई
क्या आप गधो को वाकई पहचानते हो
या बस यूं ही अनाप शनाप बक जाते हो
मुझे तो लगता है की आपको पहचान नहीं है
इसलिए भारत के लिए क्या कह गए इसका भान नहीं है
यदि आपने हमारे क्रिकेटरों को पहचान लिया होता
तो इस तरह आसमान की तरफ मुह करके न थूका होता
देख लो अब उन्ही गधो ने क्या दुलत्ती मारी है
की जीतना तो दूर एक एक रन बनाना भारी है
आपके बोलर तो न कर सके कुछ कमाल 
लेकिन हमारे खिलाडियों  ने मचा डाला है धमाल
अब कभी किसी को यूं गधा न बुलाना
बोलने से पहले ये दुलत्ती न भुलाना
हो सकता है इग्लैंड में तब  अल्लाह था आप पर मेहरबान 
तभी  आप की टीम बन गयी थी पहलवान
लेकिन मेरे भाई हमेशा याद रखना मेरा ये कथन महान
हर हाल में हर बार रहेगा 
मेरा भारत महान, मेरा भारत महान 

Tuesday, October 25, 2011

hi tek diwaali

जिधर देखो चहु ओरहै महगाई का शोर
बढ़ी रेट सुन सुन कर के ,हम तो हो गए बोर
हम तो हो गए बोर,हाईटेक  हुई दीवाली,
एक जेब तो कट  गयी,दूसरी हो गयी खाली
सुबह सुबह जब हम गए लेने सब्जी  मंडी,
बीस रुपिया आलू मिले चालीस मिली भाई भिन्डी
चालीस मिली भाई भिन्डी गोभी का तो कहना क्या था
थोड़ी  सस्ती मूली थी, धनिया भी महगा था 
पाव भर धनिया लिया,पाव भर ली मिर्चा 
पत्नी को आ कर सुना दिया अब तक का सारा खर्चा 
अब तक का सारा खर्चा,हमने कहा चटनी पीसो
इस दीवाली पर बस चटनी रोटी खीचो
चटनी रोटी खीच ओढ़ कर सो गए चादर 
कहाँ गए वो लोग जो बनते हैं पब्लिक  के गोड फादर
बड़े ज्ञान से कहते है बत्तीस रूपये पाने वाला अमीर
आलू  की सब्जी खाऊ सोच सोच पनीर 
सोच सोच पनीर पत्नी ने हमें जगाया
थमा प्याली चाय की और ये फ़रमाया
थोड़ी खील ले आयी,थोड़े से पूजा के  लिए बताशे
बच्चे देख ललचा रहे हैं पड़ोसिओ के पटाखे 
पड़ोसिओ के पटाखे थोडा सा तो कुछ ले आओ
मुझ पर नहीं पर बच्चो पर तो थोडा तरस खाओ
हम ने कहा महगाई ने कर दी जेब खाली
अभी तलक जेसे तेसे हमने अपनी इज्जत बचा ली
सुन कर पत्नी के चेहरे से जेसे उड़ गयी लाली
उफ़ कमबख्त गरीबो की भी होती है क्या कोई दीवाली 

      

e ji sunte ho.............

पत्नी हमारे पास बड़े प्यार से आई
आ कर चाय थमाई,फिर बड़ी अदा से इठलाई
हम कुछ सोच कर सतर्क हो उठे,क्योकि उनके इठलाने में हमें खतरे की घंटी दी सुनाई
हमने कहा भागवान यूं न शरमाओ
अगर कोई फरमाइश हो तो हमको  बतलाओ
अब पत्नी कुछ तुनक कर बोली
अपनी कडवी जबान को कुछ मीठा बना कर बोली
आप भी न,हर समय कुछ न कुछ कहते रहते हो 
मेरी हर अदा को फरमाइश समझ लेते हो
में तो आपके पास कुछ बात बताने आई हूँ
सदियो से चले आ रहे रहस्य समझाने आई हूँ
हमने भी उन्हें बड़े प्यार से देखा कहा चलो बताओ
सी आई दी का जो तुम्हारा एपिसोड   है,उस रहस्य को सुलझाओ
पत्नी बोली अच्छा बताओ पत्निया पति को ऐ जी क्यों बुलाती हैं
हमने कहा.वे अपने प्यार को ऐ जी कह कर दर्शाती हैं
वे बोली लो आप भी औरो की तरह आम समझ वाले ही निकले 
अगर ऐ जी न कहती तो क्या कहती,ऐ सूअर,ऐ निकम्मे ,ऐ पाजी,या ऐ गधे
ये सब हकीकत है मेंपहचानती  हूँ 
पर आपका भी कुछ सम्मान है इसको जानती हूँ 
इसी लिए में भीइसी टीम में शामिल हो जाती हूँ 
और  आपको प्यार से ऐ जी कह कर बुलाती हूँ
 अरे भाईओ अब में हर पल सतर्क रहता हूँ
पत्नी को दुबारा ऐ जी कहने का मौका नहीं देता हूँ 

Monday, October 24, 2011

hai re angreji

एक  बार  हमारी  पत्नी  को अंग्रेजी सीखने का शौक चर्राया
उन्होंने बड़े प्यार से हमें फरमाया
देखो जी सभी  हेज्बेन्दो की वायिफे गिट पिट अंग्रेजी बोलती है
बड़ा मजा आता है जब चाह कर भी हिंदी नहीं बोलती है
ए जी मुझे भी अंग्रेजी सिखवा दो न
मारूति से स्विफ्ट vdi बना दो न 
जो कहोगे वो बात मानूगी
कभी आपको हिंदी में गाली नहीं दूँगी   
हमें पत्नी का मशविरा भा गया
दिमाग में उन्हें टूशन पढवाने का आइडिया आ गया
बस फिर क्या था 
एक टीचर  उन्हें अंग्रेजी पढ़ाने आने लगी 
पत्नी से ज्यादा वो हमको भाने लगी  
अगले ही दिन पत्नी हमारे पास आई हाथ में चाय थमाई और बोली
किरकेट की दोकुमेंतरी सुनी ये इंडिया वाले एक ईवनिंग से हारेगे
हमने कहा अरे भगवान् अभी जाओ 
उलटी सीढ़ी अंग्रेजी बोल कर मेरा भेजा मत खाओ
पत्नी मुह फुला कर खाना पकाने लगी
बच्चो को रोटी की जगह चपाती खिलने लगी
एक सुबह शर्मा जी ने पूछा टीचेर ने तो आपको ट्रेंड कर दिया है
वे कुछ इठलाई शरमाई और बोली हाँ तभी तो
पहले वो टेम्परेचर(temporary )थी अब हमारे हेज्बेंद ने उन्हें प्रेग्नेंट (परमानेंट) कर दिया है 

Saturday, October 22, 2011

hai re angreji

आज कल सामान्य बोलचाल की भाषा में अंग्रेजी के बहुत से शब्द इसे है जिनका सही उच्चरण न होने से कभी कभी बहुत हास्यास्पद स्थिति उत्पन्न हो जाती है.जेसे मेने एक रिक्शे वाले से कहा विश्व विद्यालय चलोगे.तो बोला ये कहाँ है.जब मेने उसको रास्ते का हवाला दिया तो बोला अरे मैडम हिंदी में बोलो न की यूनिवर्सिटी जाना  है .
ऐसे ही  में कपडा खरीदने गयी तो वो बोला मैडम कपडा वाशर वीयर है.मुझे लगा की कोई नई तरह का कपडा होगा लेकिन जब उसका मतलब समझा तो पाया की जनाब वाश एंड वीअर कहना चाह रहे थे.
इस अजब गजब भाषा का लोगो पर बड़ा गहरा प्रभाव है.लोग कई बार बोलचाल में कई तरह का हिंदी अंग्रेजी मिश्रण करते हैं जेसे
लेडिजो,जेंत्सो ,रोज डेली,फल फ्रूट,एक्टरनी ,डेपूट(deputation ).


Friday, October 21, 2011

joke

पति-कहाँ गयी थी
पत्नी-परिवार नियोजन की मीटिंग में
पति-क्या हुआ ?
पत्नी-बंसल मैडम ने सवाल उठाया की हमारे देश में एक औरत हर तीन मिनट में एक बच्चा देती है इसे केसे रोका जाय
पति-तो तुमने क्या सुझाव दिया?
पत्नी-मेने कहा की पहले हमें ऐसी औरत  ढून्ढ निकालनी होगी जो हर तीन मिनट में बच्चा देती hai

Thursday, October 20, 2011

FUAAR

पति-जब में मर जाऊ तो सामने वालो को जरूर बुलाना
पत्नी-क्यों?
पति-क्योकि उनकी औरते मुर्दों से लिपट लिपट के रोटी हैं
                                                2
भिखारी-साब कुछ खाने को दो
लड्डू-टमाटर खाओ
भिखारी-साब टमाटर नहीं रोटी दे दो न
लड्डू-अरे टमाटर खाओ टमाटर
भिखारी-अरे चलो साहब टमाटर ही दे दो
लड्डू  की पत्नी अन्दर से आ कर -अरे ये तुतलाते हैं-कह रहे है कमाकर खाओ कमाकर
                                              ३
पति-तुम मुझे निक्कम्मा नालायक कामचोर कहना बंद करो.आज तो मेरी नौकरी जाते जाते बची
पत्नी-लेकिन हुआ क्या?
पति -आज बॉस ने भी मुझे डाटा और निक्कम्मा कामचोर नालायक कहा और मैने आदतन कह दिया यूं  आर राईट  डार्लिंग 
                                            ४
बेटा- पापा ये कॉल गर्ल क्या होती है
पापा-वो.......जब कुछ नहीं सूझा तो.बेटा जो लडकिय कॉल सेण्टर में काम करती है.लेकिन बेटा एसा बेहूदा सवाल तुम्हे केसे सूझा 
बेटा-अरे वो छोडो पापा ये बताओ एसा बेहूदा जवाब आपको केसे सूझा 

fM radio

लड्डू-क्या एफ  ऍम  वाले बोल रहे हैं/
आर जे -जी हाँ ,जी हाँ बताइए क्या मेसेज   देना चाहते हैं
लड्डू-जी मुझे अभी अभी बस में किसी कमल शर्मा का पर्स मिला है जिसमे उसका पूरा पता 12 हजार रूपए एक अंगूठी क्रेडिट कार्ड मिला है .और ...  हां  एक  कागज  भी मिला है जिसमे पासवर्ड की पूरी डिटेल भी है
आर जे-वाह वाह तो आप हमारे माध्यम से पर्स  लौटाना  चाहते है
लड्डू-oe क्या पागल समझा है क्या में तो उसको मुकेश का कोई दर्द भरा गाना dedicate   करना  चाहता हूँ 

Tuesday, October 18, 2011

joke

जज -तुम अपने पति से तलाक क्यों चाहती हो?
पत्नी-क्योकि ये आधी रात को उठ कर कहते हैं अब मुझे घर जाना चाहिए
                                                २
एक औरत दूसरी औरत से-सुना है तुम तीसरी बार शादी कर रही हो
दूसरी औरत हाँ सही सुना है क्योकि पहला पति भगवान् को प्यारा हो गया और दूसरा पति पड़ोसन को
                                               ३
एक सरदार दुसरे से-जिसमे कोई कमी न हो उस को क्या कहेगे
"कमीना"दुसरे ने जवाब दिया
                                             ४
एक दोस्त दुसरे दोस्त से-मैंने  अपनी गर्लफ्रेंड के सामने अपने बाप की अमीरी की खूब झूटी तारीफ़ की
दूसरा दोस्त-फिर क्या हुआ?
आज कल उसको माँ कहना पड़ रहा hai