भाइयो वैसे तो में एक शर्म सार इंसान हूँ
लेकिन अपने देश और देशवासियो से परेशान हूँ
यहाँ हर चीज चल जाती है
या यूं कहो चलाई जाती है
आज कल राखी सावंत फिर अपने नए गाने को लेकर ड्रामा कर रही है
अन्ना हजारे या फिर दिग्विजय के पास जाने की दुहाई दे रही हैं
हमारी कालोनी में भी राखी के नए गाने का बड़ा जोर है
विरोध से ज्यादा समर्थन का शोर है
गिने चुने विरोधी पक्ष ने यह फ़रमाया
समाज पर गलत असर पड़ेगा ये समझाया
लेकिन राखी के समर्थक ये सुन कर चोंके
राखी का पक्ष लेकर भोंके
उनका कहना कुछ इस प्रकार था की
जब अन्ना लोक पाल बिल मांग सकता है
पप्पू पास हो सकता है
शीला जवान हो सकती है
मुन्नी बदनाम हो सकती है
सानिया पाकिस्तानी से शादी रचा सकती है
सात खून माफ़ हो सकते है
साल में बारह तरीको से प्यार हो सकता है
करेक्टर ढीला हो सकता है
चोली के पीछे कुछ हो सकता है
औरत जलेबी बाई हो सकती है
तो फिर राखी सावंत अपना बैंक क्यों नहीं लुटवा सकती
बस यारो वैसे तो में शर्मसार इन्ससान हूँ लेकिन पड़ोसिओ से pareshaan
इसके सिवा आप कुछ कर भी नहीं सकती ...
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